एक प्रसिद्द हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर की मृत्यु हो गयी और सभी सम्बन्धी व मित्र उसकी अंतिम क्रिया के लिए समय से पहुँच गये!
नियमित रूप से एक ताबूत लाया गया जिसके सामने एक बहुत बड़ा हृदय (दिल) बनाया गया था!
जब पादरी ने धर्मोपदेश समाप्त किये तो सभी ने अपने-अपने तरीकों से उसे अलविदा कहा!
सामने से हृदय वाला हिस्सा खोला गया और ताबूत धीरे-धीरे नीचे की और जाने लगा और जब ताबूत बिल्कुल नीचे पहुँच गया तो हृदय वाला हिस्सा फिर से बंद हो गया!
जैसे ही हृदय वाला हिस्सा बंद हुआ एक शोक सभा में आया आदमी जोर से हँसने लगा!
उसके साथ खड़े आदमी ने उससे पूछा अरे भाई किसलिए हंस रहे हो?
उस आदमी ने कहा मैं अपने अंतिम संस्कार के बारे में सोचकर हँस रहा हूँ!
पहले वाले आदमी ने पूछा उसमें हँसने वाली क्या बात है?
उस आदमी ने कहा मैं एक स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हूँ!
नियमित रूप से एक ताबूत लाया गया जिसके सामने एक बहुत बड़ा हृदय (दिल) बनाया गया था!
जब पादरी ने धर्मोपदेश समाप्त किये तो सभी ने अपने-अपने तरीकों से उसे अलविदा कहा!
सामने से हृदय वाला हिस्सा खोला गया और ताबूत धीरे-धीरे नीचे की और जाने लगा और जब ताबूत बिल्कुल नीचे पहुँच गया तो हृदय वाला हिस्सा फिर से बंद हो गया!
जैसे ही हृदय वाला हिस्सा बंद हुआ एक शोक सभा में आया आदमी जोर से हँसने लगा!
उसके साथ खड़े आदमी ने उससे पूछा अरे भाई किसलिए हंस रहे हो?
उस आदमी ने कहा मैं अपने अंतिम संस्कार के बारे में सोचकर हँस रहा हूँ!
पहले वाले आदमी ने पूछा उसमें हँसने वाली क्या बात है?
उस आदमी ने कहा मैं एक स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हूँ!
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