एक सीनियर सिटिजन अपनी नई कार 100 की स्पीड में चला रहे थे। चलते-चलते उन्होंने शीशे में देखा कि पुलिस की एक गाडी उनके पीछे लगी हुई है।
उन्होंने कार की स्पीड और बढ़ा दी। 140 फिर 150 और फिर 170...।
अचानक उन्हें याद आया कि इन हरकतों के लिहाज से वे बहुत बूढ़े हो चुके हैं और ऐंसी हरकतें उन्हें अब शोभा नहीं देतीं।
उन्होंने सड़क के किनारे कार रोक दी और पुलिस का इंतज़ार करने लगे।
पुलिस की गाडी करीब आकर रुकी और उसमे से इंस्पेक्टर निकलकर बुजुर्ग महाशय के पास आया। उसने अपनी घडी में समय देखा और बुजुर्ग से बोला सर मेरी शिफ्ट ख़त्म होने में मात्र 10 मिनट बाकी हैं। आज शुक्रवार है और शनिवार रविवार मेरा अवकाश है। इतनी स्पीड से कार चलाने का अगर आप मूझे कोइ ऐंसा कारण बता सके जो मैंने आज तक नहीं सुना हो तो मैं आप को छोड़ दूंगा।
बुजुर्ग ने बहुत गंभीर होकर इंस्पेक्टर की तरफ देखा और कहा बहुत साल पहले मेरी बीवी एक पुलिसवाले के साथ भाग गयी थी। मैंने सोचा कि तुम उसे लौटाने आ रहे हो।
इंस्पेक्टर वहाँ से जाते हुए बोला हेव ए गुड डे सर।
उन्होंने कार की स्पीड और बढ़ा दी। 140 फिर 150 और फिर 170...।
अचानक उन्हें याद आया कि इन हरकतों के लिहाज से वे बहुत बूढ़े हो चुके हैं और ऐंसी हरकतें उन्हें अब शोभा नहीं देतीं।
उन्होंने सड़क के किनारे कार रोक दी और पुलिस का इंतज़ार करने लगे।
पुलिस की गाडी करीब आकर रुकी और उसमे से इंस्पेक्टर निकलकर बुजुर्ग महाशय के पास आया। उसने अपनी घडी में समय देखा और बुजुर्ग से बोला सर मेरी शिफ्ट ख़त्म होने में मात्र 10 मिनट बाकी हैं। आज शुक्रवार है और शनिवार रविवार मेरा अवकाश है। इतनी स्पीड से कार चलाने का अगर आप मूझे कोइ ऐंसा कारण बता सके जो मैंने आज तक नहीं सुना हो तो मैं आप को छोड़ दूंगा।
बुजुर्ग ने बहुत गंभीर होकर इंस्पेक्टर की तरफ देखा और कहा बहुत साल पहले मेरी बीवी एक पुलिसवाले के साथ भाग गयी थी। मैंने सोचा कि तुम उसे लौटाने आ रहे हो।
इंस्पेक्टर वहाँ से जाते हुए बोला हेव ए गुड डे सर।
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